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मालू बोले- बना लूँ, पब्लिक बोले- नाना  नाना ना रे ना रे ना....

मालू बोले- बना लूँ, पब्लिक बोले- नाना  नाना ना रे ना रे ना....


भीलवाड़ा। शहर में विगत दिनों ही दो अस्पतालों पर प्रशासन व चिकित्सा विभाग की *दबिश की चर्चा* अभी *थमी* भी नहीं कि पथिक नगर में मालू अस्पताल चला रहे डॉ मालू पर न्यास के बनाए *स्वागत द्वार*  होते हुए भी *नया स्वागत* द्वार बनाने की धुन सवार है। स्वागत द्वार के लिए अपने जेब से खर्चा करने का हवाला देकर न्यास से  स्वीकृति भी ले ली। पिलर के खड्डे खुदे देखे तो कॉलोनी वासी जागे। मौका देखा तो स्पष्ट हुआ कि यह तो सामने आया कि डॉक्टर साब तो यह खर्चा अपना फायदा देखकर कर रहे है। कॉलोनी वासियों के लिए तो मुसीबत पैदा करने वाला साबित होगा।लोग जमा हुए और पार्षद मधु शर्मा को शिकायत की ओर गलत का विरोध करने की भी गुहार लगाई। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रही और अभी भाजपा पार्षद मधु शर्मा ने भी पब्लिक की पीड़ा समझी ओर प्रशासन तक दौड़ लगा दी। कलेक्टर साब नहीं मिले तो एडीएम राकेश कुमार जी को सारी दास्तान सुनाई। इस पर न्यास में भी खलबली मची। पार्षद मधु शर्मा ने न्यास की ओएसडी रजनी माघीवाल व न्यास सचिव महिपाल सिंह  के समक्ष भी पीड़ा बताई।उधर पब्लिक का साथ दे रही मधु शर्मा के खिलाफ डॉ साब ने भाजपा की ही पार्षद रेखा पुरी को उतार दिया। अब डॉ साब द्वारा अपने स्वार्थ की खातिर निजी खर्चे से स्वागत द्वार बनाने में मामला तूल पकड़ चुका है। सवाल यह है कि जब न्यास ने लाखों रुपया खर्च कर स्वागत द्वार बना रखा है तो डॉ मालू क्यों अपनी तरफ से स्वागत द्वार बनाने पर आतुर है। 
 कहानी कुछ यूं हैं डाँ साब ने क्षेत्र के कुल जमा तीन लोगों के हस्ताक्षर करवा न्यास सचिव को पत्र लिखा जिसमें कहा की मालू हास्पीटल के पास के भूखंड संख्या से सत्यनारायण डीडवानिया.के भूखंड संख्या ए 13 के बीच सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़े लोहे का गेट शीघ्र लगवाने की अनुकम्पा करे ताकि क्षेत्र में चोरियां ना हो और अवांछित तत्व रात में यहां नहीं घूमें। बताया जाता हैं कि डाँ साब यहां पिलर सहित दरवाजा बनाने का खर्चा समय की जेब से उठाने जिम्मा उठाया तो न्यास प्रशासन ने इजाजत दे दी। क्षेत्रवासियों को उस समय पता चला जब डाँ साब ने जेसीबी से गड्ढें खुदवा दिए और लोहे के सरिए, कंकरीट मगवाकर काम शुरू कर दिया। क्षेत्रवासियों ने देखा कि जब पहले से ही न्यास ने सुरक्षा गेट बना रखा तो फिर नया गेट क्यों?। उन्होंने पार्षद मधु शर्मा को पूरी कहानी बताई तो पार्षद शर्मा ने फिर न्यास से लेकर प्रशासन तक हुंकार भरी तो न्यास से कनिष्ठ अभियंता अरविंद व्यास मौके पर पहुंचे तो उन्होंने भी इस निर्माण कार्य को गलत मना। लोगों का कहना हैं कि न्यास सचिव ने सरकारी जमीन पर निर्माण करने की अनुमति कैसे और क्यों? दे दी। नतीजा यह रहा कि डाँ. साब के *करे धरे* पर *पानी फिर गया*।प्रशासन ने काम रूकवा दिया। क्षेत्रवासियों के गुस्से का पारा उस समय ज्यादा चढ़ गया जब डाँ. साब द्वारा खुदवाए गए गड्ढें से पानी की पाइप लाइन टूट गई और पानी व्यर्थ बहने लगा। पार्षद शर्मा ने साफ कह दिया वो गलत काम नहीं होने देगी। इस निर्माण से यह क्षेत्र एक्सीडेंट जोन बन जाएगा।उनके वोटर चाहेंगे जो ही होगा। यह पीड़ा भाजपा के छैलबिहारी जोशी ने भी न्यास प्रशासन के समक्ष रखी।
 कॉलोनी वासी कहते है *दाल में कुछ तो काला है*, तो डॉ मालू कहते है *बना लूं* तो पब्लिक बोली *नाना नाना ना रे- ना रे ना*।
        
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